रासायनिक सूत्र - रासायनिक अभिक्रिया - रासायनिक बंधन | रासायनिक सूत्र कितने होते हैं | रासायनिक सूत्र किसे कहते हैं
अगर दो तत्व A तथा B जिनकी संयोजकता क्रमशः 3 तथा 2 है, परस्पर संयोग करके यौगिक बनाती है। इस यौगिक का सूत्र लिखने में उनतत्व के संयोजकता को अदल-बदल करके लिखा जाता है।
General Competition | Science | Chemistry (रसायन विज्ञान) | रासायनिक सूत्र - रासायनिक अभिक्रिया - रासायनिक बंधन
रसायनिक सूत्र (Chemical Formula)
अगर दो तत्व A तथा B जिनकी संयोजकता क्रमशः 3 तथा 2 है, परस्पर संयोग करके यौगिक बनाती है। इस यौगिक का सूत्र लिखने में उनतत्व के संयोजकता को अदल-बदल करके लिखा जाता है।
रसायनिक समीकरण (Chemical Equation) :
- रसायनिक अभिक्रिया के भाग लेने वाले पदार्थ के संकेत तथा सूत्र का इस्तेमाल कर अभिक्रिया को दर्शाने का संक्षिप्त रूप है रसायनिक समीकरण कहलाता है।
- रसायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थ Reactants (अभिकारक ) तथा अभिक्रिया के दौरान बने पदार्थ को Products (उत्पाद) कहते हैं।
रसायनिक अभिक्रिया को संतुलित करना :
- रसायनिक अभिक्रिया के दौरान परमाणु दूसरे परमाणु से मिलकर नया पदार्थ बना सकते हैं परन्तु परमाणु का नाश नहीं होता है।
- संतुलित रसायनिक समीकरण वह है जिसमें समीकरण के दोनों ओर प्रत्येक तत्व के परमाणु की संख्या समान होती है।
- संतुलित करने की विधि-उदा०- 1. Mg + HCI → MgCl2 + H2पहले हम बायी ओर तथा दाँयी ओर की परमाणु की संख्या पता करते हैं-बायी ओर दाँयी ओरMg 1 1Cl 1 2H 1 2इस समीकरण में Cl तथा H संतुलित नहीं है। अब अगर हम HCl के ठीक पहले 2 लिखकर Cl तथा H दोनों को संतुलित कर लेते हैं ।Mg + 2HCl → MgCl2 + H22. Al + H2SO4 → Al2(SO2)3 + H2- इस समीकरण में Al संतुलित नहीं है अतः Al से पहले 2 लिखकर AI को संतुलित करते हैं-2Al + H2SO4 → Al2(SO4)3 + H2- अब इस समीकरण में H संतुलित नहीं है। H को संतुलित करने के लिए H, के आगे 3 लिखते हैं।2Al + 3H2SO4 → Al2(SO4)3 + 3H2
रसायनिक अभिक्रिया (Chemical Reaction)
जब कोई पदार्थ अकेले ही या किसी अन्य पदार्थ से प्रतिक्रिया कर भिन्न गुण वाले एक या अधिक नये पदार्थ का निर्माण करता है, तब वह प्रक्रिया रसायनिक अभिक्रिया कहलाती है-
उदा०- 1. हाइड्रोजन का क्लोरीन से प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन क्लोराइड बनाता है -
H2 + Cl2 → 2HCl
2. कैल्शीयम कार्बोनेट को गर्म करने पर वह कैल्शीयम ऑक्साइ और कार्बन-डाई-ऑक्साइड बनाता है-
CaCO3 → CaO + CO2
रसायनिक अभिक्रिया के प्रकारः-
1. Combination Reaction ( संयोजन अभिक्रिया)
संयोजन अभिक्रिया में दो या अधिक पदार्थ मिलकर एक नये गुण वाले पदार्थ का निर्माण करते हैं ।
उदा०- 1. C + O → CO2
2. Fe + S → FeS
3. CaO + H2O → Ca(OH)2
NOTE : कोयला का दहन जल का निर्माण होना, हैबर विधि से अमोनिया कानिर्माण, मैग्नीशियम के फीते का हवा में जलना संयोजन अभिक्रिया है ।
उष्माक्षेपी रसायनिक अभिक्रिया (Exothermic Chemical Reaction)
जिन अभिक्रिया के दौरान उत्पाद बनने के साथ उष्मा भी उत्पन्न होता है उष्माक्षेपी उत्पन्न होता है उष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाता है ।
उदा०– मिथेन गैस का गलना उष्माक्षेपी अभिक्रिया है-
- CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O + ऊर्जा
ईधन का दहन, श्वसन, शाक-सब्जी सब्जी के विघटन में कम्पोस्ट का निर्माणहोना सभी उष्माक्षेपी अभिक्रिया है ।
प्रायः सभी संयोजन अभिक्रिया उष्माक्षेपी होता है।
2. Decompostion Reaction ( वियोजन अभिक्रिया)
वियोजन अभिक्रिया में किसी यौगिक के बड़े अणु के टूटने से दो या अधिक सरल यौगिक बनते हैं जिनके गुण मूल यौगिक के गुण से बिल्कुल भिन्न होते हैं।
उदा०- 1. कैल्शीयम कार्बोनेट को गर्म करने पर -
CaCO3 → CaO + CO2
2. 2KCI O3 → 2KCl + 3O3
पोटाशियम क्लोरेट
उष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction)
निम्न अभिक्रिया में ऊर्जा का अवशोषण होता है उसे उष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं ।
प्रायः सभी वियोजन अभिक्रिया उष्माशोषी होता है।
3. Electryolytic Decomposition (वैद्युत अपघटन )
कुछ धातुओं के द्रवित ऑक्साइड एवं क्लोराइड से होकर विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वे अपघटित हो जाते हैं। अपघटित होकर धातु कैथोड पर तथा ऑक्सीजन या क्लोरीन एनोड पर मुक्त हो जाता है।
विद्युत अपघटन अभिक्रिया भी एक प्रकार का वियोजन अभिक्रिया है । उष्माशोषी अभिक्रिया है ।
4. Displacement Reaction ( विस्थापन अभिक्रिया)
किसी तत्व द्वारा किसी यौगिक से दूसरे तत्व को हटाने की क्रिया विस्थापन अभिक्रिया कहा जाता है-
उदा०- 1. FeSO4 + Zn → ZnSO4 + Fe
2. Mg + CuSO4 → MgSO4 + Cu
पहला अभिक्रिया में Zn, SO4 को विस्थापित कर दिया है क्योंकि Zn Fe के तुलना में अधिक क्रियाशील ।
दूसरे अभिक्रिया में Mg SO4 को विस्थापित कर दिया है क्योंकि Mg, Cu के तुलना में अधिक क्रियाशील है।
विस्थापन अभिक्रिया समझने हेतु तत्व का विद्युत रसायनिक श्रेणी जानना आवश्यक है जो निम्न प्रकार है-
5. Double Displacement Reaction ( द्विविस्थापन अभिक्रिया)
जब दो अभिकारक अपने समूहों को बदला - बदली करके दो नये उत्पाद बनाते हैं तो इसे द्विविस्थापन अभिक्रिया कहा जाता है।
उदा०:- 1. NaCl + Ag NO3 → AgCl + NaNO3
2. FeS + H2SO4 → FeSO4 + H2S
6. Precipitation Reaction (अवक्षेपण अभिक्रिया)
ऐसी रसायनिक अभिक्रिया जिसमें कोई उत्पाद ठोस के रूप में विलयन में पृथक (अलग) हो जाते हैं उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते है ।
उदा०— NaCl + Ag NO3 → AgCI + NaNO3
अवक्षेप
7. Photo Chemical Reaction ( प्रकाश रसायनिक अभिक्रिया)
वैसी रसायनिक अभिक्रिया जो प्रकाश की उपस्थिति में सम्पन्न होती है प्रकाश रसायनिक अभिक्रिया कहलाता है।
उदा०- 1. प्रकाश की उपस्थिति सिल्वर क्लोराइड का अपघटित होना ।
2. AgCl → 2Ag + Cl2
3. प्रकाश - संश्लेषण
6CO2 + 6H2O → C6H12O6 + 6O2
प्रकाश रसायनिक अभिक्रिया एक प्रकार का वियोजन तथा उष्माशोषी अभिक्रिया है।
8. Reversible Reaction (उत्क्रमणीय अभिक्रिया)
वैसी अभिक्रिया जिनमें अभिकारक पूर्णतः उत्पाद में परिवर्तित होते हैं परन्तु उत्पाद अभिकारक में परिवर्तित नहीं हो सकते हैं उसे अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया कहते हैं।
उदा०— 3Fe + 4H2O → Fe3O4 + 4H2
इस अभिक्रिया में Fe तथा H2O, Fe3O4 बनता है पुनः उत्पाद Fe3O4, H2 के साथ संयोग कर Fe बनाता है। अत यह अभिक्रिया उत्क्रमणीय है।
9. Irreversible Reaction ( अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया)
वैसी अभिक्रिया जो दोनों दिशाओं में सम्पन्न होती है यानि अभिकारक उत्पाद बनाते हैं तथा उत्पाद से अभिकारक की पुनः प्राप्ति हो तो इस अभिक्रिया को उत्क्रमणीय अभिक्रिया कहते हैं।
उदा०— NaOH + HCI → NaCl + H2O
इस अभिक्रिया में HCI, H2O के साथ संयोग कर NaOH नहीं बनाता है।।
- रसायनिक अभिक्रिया को प्रभावित करने वाला कारक-
- रसायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारक (Reactants) का सांद्रण जितना अधिक होता है अभिक्रिया की दर उतनी अधिक होती है।
- अधिकतर रसायनिक अभिक्रिया गैसीय अवस्था या जलीय विलयन में कराई जाती है।
- गैसीय अवस्था में गैस का दाब ही सांद्रता का सूचक होता है यानि गैसीय अवस्था में गैस का दाब जितना अधिक रहेगा अभिक्रिया उतनी ही तेजी से होगी।
- ताप को बढ़ाने पर अधिकांश रसायनिक अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है।
- सर्दी के मौसम के अपेक्षा गर्मी के मौसम में दूध तथा दूध के उत्पाद जल्द खराब होते हैं क्योंकि गर्मी में रसायनिक प्रतिक्रिया तेजी से होता है।
- रसायनिक अभिक्रिया में उत्प्रेरक का कभी प्रभाव है।
- उत्प्रेरक (Catalyst)- वे पदार्थ जो किसी अभिक्रिया की दर को परिवर्तित कर दे किन्तु अभिक्रिया के अन्त में स्वयं अपरिवर्तित रहे, उत्प्रेरक कहलाता है ।
- उत्प्रेरक के खोज करने का श्रेय बर्जीलियस को है उन्होंने 1835 ई० (विकीपिडीया पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार) में उत्प्रेरक की खोज की।
- अधिकांश उत्प्रेरक अभिक्रिया के दर को बढ़ाते हैं, जिन्हें धनात्मक उत्प्रेरक कहते हैं बहुत कम उत्प्रेरक ऐसे हैं जो अभिक्रिया की दर को घटा देते हैं जिन्हें ऋणात्मक उत्प्रेरक कहते हैं।
- वर्धक (Promoters ) - वर्धक के पदार्थ हैं जो उत्प्रेरक की क्षमता को बढ़ा देते हैं परन्तु वर्धक स्वंग उत्प्रेरक नहीं होते हैं।उदा०— अमोनिया उत्पादन में Fe उत्प्रेरक की दक्षता बढ़ाने हेतु Fe के साथ कुछ K2O तथा Al2O3 मिश्रीत कर दिया जाता है।
- उत्प्रेरक बिष (Catalyst Poisons) : वे पदार्थ जो रसयनिक अभिक्रिया में उत्प्रेरक की क्रिया को रोक देते हैं उत्प्रेरक विष कहलाते है।उदा०– सम्पर्क विधि द्वारा H2SO4 उत्पादन में उत्प्रेरक Pt का उपयोग होता है। अगर इसमें AS2O3 (अर्सेनस सल्फाइड) मिला दे तो Pt की क्रिया रूक जाएगी और अभिक्रिया मन्द पडत्र जाएगी । यहाँ AS2O3 उत्प्रेरक विष का कार्य करता है।
- भौतिक अवस्था के उत्प्रेरके दो प्रकार के होते हैं-
- Homogeneous Catalyst (समांगी उत्प्रेरक)
- Heterogenous Catalyst ( बिषमांगी उत्प्ररेक)
1. समांगी उत्प्रेरक- जब अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थ तथा उत्प्रेरक की भौतिक अवस्था एक ही होती है तो उसे समांग उत्प्रेरक कहते हैं।
NO उदा०— SO2 + 1/2 O2 → SO3
यहाँ SO2 तथा NO दोनों गैसीय अवस्था मे हैं अतः NO समांग उत्प्रेरक है।
2. बिषमांग उत्प्रेरक- जब अभिकारक तथा उत्प्रेरक की भौतिक अवस्था अलग-अलग हो तो उसे विषमांग उत्प्रेरक कहते हैं ।
यहाँ अभिकारक गैस अवस्था में है जबकि उत्प्रेरक Fe ठोस अवस्था में अतः Fe बिषमांग उत्प्रेरक है।
- जैव उत्प्रेरक (Bio Catalyst) - एंजाइम को जैव उत्प्रेरक कहते हैं। एंजाइम प्रोटीन है जो Bio-system में होने वाली अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है ।
रसायनिक बंधन (Chemical Bonding)
- एक अथवा विभिन्न तत्व के परमाणु के आपस में संयोग होने से अणु बनता है। अणु में परमाणु एक बल द्वारा आपस में बंधे होते हैं, जिस बल को Chemical Force (रसायनिक बल) कहते हैं । इसी रसायनिक बल को जो अणु में परमाणु को बंधे रखता है रसायनिक बंधन कहते हैं।
- सभी तत्व के परमाणु में यह प्रवृत्ति रहती है कि वह अपने निकटतम अक्रिय गैस जैसे इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर स्थायी बन जाए और यही कारण है किं तत्व के परमाणु में इलेक्ट्रॉन छोड़ने या ग्रहण करने की प्रवृत्ति रहती है।
- परमाणु के परस्पर संयोग करने के प्रक्रिया के आधार पर रसायनिक बंधन के दो मुख्य प्रकार है-
- वैद्युत संयोजक बंध या आयनिक बंधन (Electro Valent Bond or Ionic Bond)
- सहसंयोजक बंधन (Covalent Bond)
- विद्युत संयोजक बंधन : दो परमाणु के बीच एक परमाणु से दूसरे परमाणु में एक अथवा अधिक इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा रसायनिक बंधन को विद्युत संयोजक अथवा आयनिक बंधन कहते है ।
उदा०- 1. Nacl (सोडियम क्लोराइड)
Na – 2, 8, 1
Cl – 2, 8, 7
Nacl में Na एक इलेक्ट्रॉन Cl को देता है जिससे दोनों के अंतिम कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं तथा दोनों ही परमाणु स्थायी हो जाते हैं ।
2. CaO (कैल्शीयम ऑक्साइड)
Ca - 2, 8, 8, 2
O - 2, 6
CaO में Ca अपना दो इलेक्ट्रॉन O को देता है जिससे दोनों परमाणु का अष्टक पूर्ण हो जाता है और वे स्थायी हो जाते हैं ।
- निम्न यौगिक में विद्युत संयोजक का आयनिक बंधन उपस्थित है
- सोडियम क्लोराइड (Nacl )
- सोडियम मोनोक्साइड (Na2O)
- मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCl2 )
- मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO)
- कैल्शियम क्लोराइड (CaCl2 )
- कैल्शियम ऑक्साइड (CaO)
- अमोनियम क्लोराइड (NH4CI)
- अमोनियम सल्फेट (NH4)2.SO4
- बेरियम क्लोराइड (BaCl2 )
- पोटाशियम नाइट्रेट (KNO3)
- क्यूप्रिक सल्फेट (CuSO4)
- क्यूप्रिक क्लोराइड (CuCl2)
- विद्युत संयोजन बंधन एक धातु और एक अधातु के बीच प्रायः होता है क्योंकि धातु में इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति पायी जाती है और अधातु में इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की ।
- विद्युत संयोजक बंधन वाले यौगिक को विद्युत संयोजक यौगिक कहते हैं जिनमें निम्न गुण पाये जाते हैं।
- विद्युत संयोजक यौगिक आयनों से बने होते हैं जिनमें से एक धन आयन (cation) तथा एक ऋण आयन (anion) उपस्थित हैं ।उदा० - NaCl → Na+ Cl-CaCl2 → Ca2+ Cl-
- विद्युत संयोजक यौगिक के आयन के बीच एक मजबूत स्थिर वैद्युत आकर्षण बल कार्य करता है जिसके कारण इस यौगिक के द्रवणांक तथा क्वथनांक उच्च होते हैं।
- विद्युत संयोजक यौगिक जल में प्रायः घुलनशील होते हैं परन्तु ये यौगिक कार्बनिक घोल में नहीं घुलते हैं।
- वैद्युत संयोजक यौगिक द्रवित या जलीय विलयन की अवस्था में विद्युत के सुचालक होते हैं।
- विद्युत संयोजक यौगिक आयनों से बने होते हैं जिनमें से एक धन आयन (cation) तथा एक ऋण आयन (anion) उपस्थित हैं ।
