मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार | The Human Eye and the Colourful World | NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान)

NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | The Human Eye and the Colourful World मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
1. कोई व्यक्ति 2m से अधिक दूरी पर स्थित बिंबों को स्पष्ट नहीं देख सकता। इस दोष का संशोधन उस लेंस के उपयोग द्वारा किया जा सकता है जिसकी क्षमता है:
(a) + 0.5 D
(b) – 0.5 D
(c) + 0.2 D
(d) – 0.2 D
उत्तर - (b)
2. कक्षा में सबसे पीछे बेंच पर बैठा कोई विद्यार्थी श्यामपट्ट पर लिखे अक्षरों को पढ़ सकता है, परंतु पाठ्य पुस्तक में लिखे अक्षरों को नहीं पढ़ पाता। निम्नलिखित में कौन-सा प्रकथन सही है?
(a) विद्यार्थी के नेत्र का निकट बिंदु उससे दूर हो गया है
(b) विद्यार्थी के नेत्र का निकट बिंदु उसके पास आ गया है
(c) विद्यार्थी के नेत्र का दूर बिंदु उसके पास आ गया है
(d) विद्यार्थी के नेत्र का दूर बिंदु उससे दूर हो गया है
उत्तर - (a)
3. दोपहर के समय सूर्य श्वेत प्रतीत होता है, क्योंकि तब-
(a) प्रकाश का न्यूनतम प्रकीर्णन होता है
(b) श्वेत - प्रकाश के सभी वर्गों का प्रकीर्णन हो जाता है
(c) नीले वर्ण का सर्वाधिक प्रकीर्णन होता है
(d) लाल वर्ण का सर्वाधिक प्रकीर्णन होता है
उत्तर - (a)
4. इंद्रधनुष बनने में प्रकाश की कौन-सी परिघटनाएँ सम्मिलित होती हैं?
(a) परावर्तन, अपवर्तन तथा विक्षेपण
(b) अपवर्तन, विक्षेपण तथा पूर्ण आंतरिक परावर्तन
(c) अपवर्तन, विक्षेपण तथा आंतरिक परावर्तन
(d) विक्षेपण, प्रकीर्णन तथा पूर्ण आंतरिक परावर्तन
उत्तर - (c)
5. तारों के टिमटिमाने का कारण है-
(a) वायुमंडलीय जल बूँदों द्वारा प्रकाश का विक्षेपण
(b) वायुमंडल में परिवर्ती अपवर्तनांकों की विभिन्न परतों द्वारा प्रकाश का अपवर्तन
(c) वायुमंडलीय धूल कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन
(d) बादलों द्वारा प्रकाश का आंतरिक परावर्तन
उत्तर - (b)
6. स्वच्छ आकाश नीला प्रतीत होता है, क्योंकि-
(a) नीला प्रकाश वायुमंडल में अवशोषित हो जाता है
(b) पराबैंगनी विकिरण वायुमंडल में अवशोषित हो जाते हैं
(c) वायुमंडल द्वारा अन्य सभी वर्गों के प्रकाश की तुलना में बैंगनी तथा नीला प्रकाश अधिक प्रकीर्णित होता है
(d) वायुमंडल द्वारा बैंगनी तथा नीले प्रकाश की तलुना में अन्य सभी वर्गों का प्रकाश अधिक प्रकीर्णित होता है
उत्तर - (c)
7. वायु में श्वेत प्रकाश के विभिन्न वर्णों के प्रकाश के फैलने के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकथन सही है?
(a) लाल प्रकाश सर्वाधिक गति से गमन करता है
(b) हरे प्रकाश की तुलना में नीला प्रकाश तीव्र गति से गमन करता
(c) श्वेत प्रकाश के सभी वर्ण समान चाल से गमन करते हैं
(d) पीला प्रकाश लाल तथा बैंगनी प्रकाश की माध्य चाल से गमन करता है
उत्तर - (c)
8. ऊँचे भवनों के शीर्ष पर लगे खतरे के संकेत लाल वर्ण के होते हैं । इन्हें दूरी से आसानी से देखा जा सकता है, क्योंकि अन्य वर्णों की अपेक्षा लाल वर्ण का प्रकाशः
(a) धुँए तथा कोहरे द्वारा सर्वाधिक प्रकीर्णित होता है
(b) धुँए तथा कोहरे द्वारा न्यूनतम प्रकीर्णित होता है
(c) धुँए तथा कोहरे द्वारा सर्वाधिक अवशोषित होता है
(d) वायु में तीव्रतम गति से चलता है
उत्तर - (b)
9. सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य के रक्ताभ प्रतीत होने में निम्नलिखित परिघटनाओं में से किसका महत्वपूर्ण योगदान है?
(a) प्रकाश का विक्षेपण
(b) प्रकाश का प्रकीर्णन
(c) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन
(d) पृथ्वी से प्रकाश का परावर्तन
उत्तर - (b)
10. गहरे समुद्र में जल का रंग नीला दिखाई देने का कारण है:
(a) जल में शैवाल की उपस्थिति तथा अन्य पौधों की उपस्थिति
(b) जल में प्रकाश का परावर्तन
(c) प्रकाश का प्रकीर्णन
(d) समुद्र द्वारा प्रकाश का अवशोषण
उत्तर - (c)
11. जब प्रकाश नेत्र में प्रवेश करता है तो अधिकांश अपवर्तन कहाँ होता है ?
(a) क्रिस्टलीय लेंस पर
(b) स्वच्छ मंडल (कॉर्निया) पर
(c) परितारिका पर
(d) पुतली पर
उत्तर - (b)
12. नेत्र लेंस की फोकस दूरी में वृद्धि हो जाती है जब नेत्र की पेशियाँ:
(a) शिथिल होती हैं तथा लेंस पतला हो जाता है
(b) सिकुड़ती हैं तथा लेंस मोटा हो जाता है
(c) शिथिल होती हैं तथा लेंस मोटा हो जाता है
(d) सिकुड़ती हैं तथा लेंस पतला हो जाता है
उत्तर - (a)
13. निम्नलिखित प्रकथनों में से कौन-सा सही है ?
(a) निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है
(b) दीर्घ दृष्टि दोष वाला व्यक्ति पास की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है
(c) निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति पास की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है
(d) दीर्घ दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकता
उत्तर - (c)
ANSWERS
DISCUSSION
1. (b)
2. (a)
3. (a) प्रकाश का न्यूनतम प्रकीर्णन (क्षय) होता है इसलिए दोपहर में सूर्य का प्रकाश श्वेत प्रतीत होता है।
- सूर्य की सप्तरंगी किरणों में अद्भुत रोगनाशक शक्ति है, सुबह तथा शाम के समय सूर्य की किरण जिनमें औषधिय गुणों का अपार भंडार है, अनेक रोग उत्पादक कीटाणुओं का नाश करता है।
- टीबी के कीटाणु उबलते पानी से जल्दी नहीं मरते बल्कि वे सूर्य के तेज प्रकाश से शीघ्र नष्ट हो जाते है।
- Vitamin D का संश्लेषण – सूर्य के प्रकाश से ही संभव होता है।
- सूर्य की पहली किरण का नाम अरनिमा है।
4. (c) इन्द्रधनुष बनने में प्रकाश की वर्ण विक्षेपण, मुख्य होता है, लेकिन अपवर्त्तन, तथा आंतरिक परावर्त्तक सहायक परिघटना होता है।
- इन्द्रधनुष एक प्राकृतिक घटना है जो आकाश में प्रेक्षक को संकेंद्रीय अर्द्धचापों के रूप में तथा सात रंगो की पट्रियों में दिखाई देता है।
- इंद्रधनुष बनने में पानी की छोटी-छोटी बूँदों परादर्शी प्रिज्म का कार्य करती है।
- यह दो प्रकार का होता है-(i) प्राथमिक इंद्रधनुष – लाल ↑ (up)(ii) द्वितीयक इंद्रधनुष – बैंगनी 1 (up )यह कम चमकीला होता है।
- इंद्रधुनष का पहला रंग - लाल
- अंतिम रंग - बैंगनी होता है।
- यह अर्द्धवृत्ताकार रूप में दिखाई देता है।
- इसकी खोज 1660 ई० में न्यूटन ने किया। जिसमें सूर्य का प्रकाश और प्रिज्म का प्रयोग किया तथा प्रदर्शित किया की सूर्य किरण (सफेद प्रकाश ) - सात दृश्यमान रंगों से बना है।
5. (b) तारों की टिमटिमाने का कारण वायुमंडल में परिवर्ती अपवर्त्तनांकों की विभिन्न परतों द्वारा प्रकाश का अपवर्त्तन होना है।
- तारे स्वयं प्रकाशित उष्ण वाति की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड है। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण इनके द्रव्य को संघटित रखता है।
- पृथ्वी के समीप का तारा सूर्य है।
- क्रांतिमान मापन का अर्थ तारे के प्रकाश की तीव्रता का मापन से है।
- तारों में उर्जा का स्त्रोत-नाभिकीय संलयन है, जो Hydrogen का Helium में परिवर्त्तन होता रहता है।
6. (c) स्वच्छ आकाश नीला प्रतीत होता है, क्योंकि वायुमंडल द्वारा अन्य सभी वर्गों के प्रकाश की तुलना में बैंगनी तथा नीला प्रकाश अधिक प्रकीर्णित होता है।
- सूर्य बैगनी रंग की तुलना में नीली प्रकाश तरंगों की उच्च सांद्रता का उत्सर्जन करता है, जिसके कारण आकाश नीला दिखता है।
- हमारी आँखों की संवेदनशीलता बैंगनी के बजाए नीला रंग के प्रति संवेदनशीलता अधिक होने के कारण भी ऐसा होता है।
- वास्तव में आकाश का रंग काला है एवं अंतरिक्ष में यह काला ही दिखाई पड़ता है, क्योंकि अंतरिक्ष में प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं हो पाता।
7. (c) वायु में श्वेत प्रकाश के विभिन्न वर्णों के प्रकाश के फैलने के संबंध है श्वेत प्रकाश के सभी वर्ण समान चाल से गमन करते हैं।
- अंतरिक्ष में और पृथ्वी पर कृत्रिम रूप से विभिन्न स्रोतों द्वारा सफेद प्रकाश का उत्पादन किया जाता है। Ex : सूर्य, तारे इत्यादि
- कृत्रिम रूप से सफेद रोशनी उत्पादक- सफेद L.E.D, फ्लोरोसेंट लाइट, बल्ब
- श्वेत प्रकाश का प्रिज्म से गुजरने पर सात रंगो में विभक्त होता जिसे वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।
- श्वेत प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना होता है - VIBGYOR
- काला रंग दिखने का अर्थ सभी रंगो का अवशोषण होना।
- ब्लैक हॉल में तीव्र गुरुत्वाकर्षण के कारण प्रकश परावर्तित होकर वापस नहीं आ पाता जिसके कारण काला प्रतित होता है।
8. (b) लाल वर्ण का उपयोग ऊँचे भवनों के शीर्ष पर खतरे के रूप में करते हैं, क्योंकि धुँए तथा कोहरे द्वारा लाल वर्ण कम (न्यूनतम) प्रकीर्णित होता है।
- लाल रंग का विक्षेपण (क्षय) कम होने के कारण यह लंबी दूरी तय करता है तथा दूर से दिखाई दे जाता है। और खतरे का सूचना (अलर्ट) का जल्दी पता लगता है और अपनी सुरक्षा होता है।
- लाल रंग का तरंग दैर्ध्य लगभग - 625nm-700nm होता।
- लाल रंग का वेग अधिक होता है लेकिन ऊर्जा कम होता है।
- बैंगनी रंग का वेग कम होता है लेकिन ऊर्जा अधिक होता है।
- लाल रंग खतरे के रंग में उपयोग होता है क्योंकि लाल बत्ती कोहरे बारिश और वायु कणों के माध्यम में सबसे लम्बी दूरी तय करने में सक्षम है।
- रंगों का राजा सुनेरो के वास्तु शास्त्र के अनुसार लाल रंग सभी रंग की अपेक्षा अधिक बलशाली माना गया है।
9. (b)
10. c) गहरे समुद्र में पानी का रंग नीला प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है, क्योंकि पानी में अति सूक्ष्म कण मुख्य रूप से नीले प्रकाश को प्रकीर्णन करते हैं।
- लाल, हरे, नारंगी और पीले लंबे तरंग दैर्ध्य वाले नीले रंग की तुलना में पानी हरा अधिक दृढ़ता से अवशोषित होते है जिनकी लंबाई कम होती है।
- समुद्र का पानी कहीं-कहीं ऊपरी भाग पर हरा दिखाई पड़ता है क्योंकि उसमें शैवाल की मात्रा अधिक हो जाती है।
- समुद्र की अधिक गहराई में केवल लाल (रंग) शैवाल पाई जाती है।
- पानी बहुत सरल अणुओं ऑक्सीजन और हाइड्रोजन से बना है, जो बहुत अधिक ऊर्जा को अवशोषित करने में असमर्थ है।
- पानी की दो क्वांटम अवस्था की ऊर्जाओं के बीच अंतर बहुत कम है, इसलिए पूरक रंग उत्पन्न नहीं होता है, अतः पानी का कोई रंग नहीं होता।
11. (b)
12. (a) नेत्र लेंस की आकृति पक्ष्माभी पेशियों द्वारा रूपान्तरित होती है, जिससे इसकी फोकस दुरी भी बदलती रहती है।
- जब पेशियाँ शिथिल होती है तो अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी बढ़ जाती है और दूर रखी वस्तुएँ स्पष्ट दिखती है।
- नेत्र लेंस की फोकस - दूरी कम हो जाने पर निकट दृष्टि दोष होता है। तथा नेत्र लेंस की फोकस दूरी बढ़ जाने से दूर दृष्टि दोष होता है।
- आँख की फोकल लंबाई लगभग 17mm होती है।
- जिन लोगों को दो मीटर या 6.6 फीट की दूर के बाद चिजें धुंधली दिखती है उन्हें मायोपिया का शिकार माना जाता है।
- निकट की वस्तु को देखने के लिए न्यूनतम वस्तु को 25cm की न्यूनतम दूरी पर रखना चाहिए।
- नेत्र दोष तीन प्रकार के होते हैं-(i) निकट दृष्टि दोष(ii) दूर दृष्टि दोष(iii) जरा-दृष्टि दोष
13. (c) निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति पास की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है।
- निकट दृष्टि दोष को → मायोपिया कहा जाता है।
- दूर दृष्टि दोष को हाइपर मेट्रोपिया कहा जाता है।
- निकट दृष्टि दोष में अवतल लेंस का उपयोग कर सही किया जा सकता है।
- दूर दृष्टि दोष में उत्तल लेंस का उपयोग कर फोकस सही किया जाता है।
- Vitamin - A की कमी से रतौंधी की शिकायत होती है।
- नेत्र लेंस आँख में पारदर्शी बीच में उभरी संरचना होती है।
- यह दृष्टि पटल पर वस्तुओं को केंद्रित करने के लिए आवश्यक बेहतर समायोजन प्रदान करता है।