गैस के गुण | गैस अवस्था के गुण | गैसीय अवस्था के गुण लिखिए | गैस की परिभाषा उदाहरण सहित
गैस जिस वर्त्तन में रखा जाता है उस बरतन की भीतरी आयतन गै का आयतन कहलाता है गैस का आयतन लीटर या मीलीलीटर या घनसेमी से व्यक्त किया जाता है ।
General Competition | Science | Chemistry (रसायन विज्ञान) | गैस के गुण
पदार्थ के गैसीय अवस्था में निम्नलिखित गुण पाये जाते हैं:-
- गैसों की प्रसारणीयता (Expansiblity) असीम होती है। गैस की अल्प मात्रा ही बड़े-बड़े आकार वाले वर्त्तन को पूर्णतः भर सकता है।
- गैस जिस वर्त्तन में रखा जाता है उस बरतन की भीतरी आयतन गै का आयतन कहलाता है गैस का आयतन लीटर या मीलीलीटर या घनसेमी से व्यक्त किया जाता है ।
- गैसों में संपीड्यता (Compressibility) का गुण पाया जाता है यानि गैस की बड़ी मात्रा को छोटे आयतन वाले वर्त्तन में संपीड़ित किया जा सकता है।
- प्राकृतिक गैस को आजकल संपीड़ित करके ही ईधन के रूप में बेचा जाता है। जिसे CNG (Comporessed Natural Gas) कहते हैं।
- गैस बहुत ही तेजी से परस्पर घुल-मिलकर समांग मिश्रण बना लेता है जिसे गैस की विसरणशीलता (Diffusibility) कहते हैं।
- गैस को जिस बरतन में रखी जाती है उस बरतन की दिवारों पर दाब आरोपित करता है।
- गैस की दाब की ईकाई वायुमंडल ( atm) है।1 atm = पारा का 76 cm या 760mm1 atm = 1.01325 × 155 Pascal
- गैस की दाब की ईकाई वायुमंडल ( atm) है।
- गैस के मोलो की संख्या = गैस का द्रव्यमान / गैस का आण्विक द्रव्यमान
- गैस के आयतन (v), दाब (p), ताप (T) और द्रव्यमान (मोलो की संख्या, n ) के बीच संबंध जानते हुए कुछ नियम प्रतिपादित किये गये हैं जो निम्न है-
- बॉयल का नियम ( Boyle's Law)
- इस नियम का प्रतिपादन रॉबर्ट बाल 1960 ई० में किया था ।
- इस नियम के अनुसार “स्थिर ताप पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन उसके दाब के व्युतक्रमानुपाती होता है अर्थात् ताप स्थिर है तो दाब बढ़ाने पर गैस का आयतन घटेगा तथा दाब घटाने पर गैस का आयतन बढ़ेगा ।'स्थिर ताप पर गैस के दाब और घनत्व के बीच संबंध-अगर गैस का द्रव्यमान m तथा p1 तथा p2 दाब पर घनत्व D1 और D2 तो स्थिर ताप पर गैस के निश्चित मात्रा का दाव उसके घनत्व के समानुपाती होता है, अर्थात् ताप स्थिर हैं तो दाब बढ़ाने पर गैस का घनत्व बढ़ेगा और दाब घटाने पर गैस का घनत्व घटेगा ।स्थिर ताप पर गैस के निश्चित मात्रा का दाव उसके घनत्व के समानुपाती होता है, अर्थात् ताप स्थिर हैं तो दाब बढ़ाने पर गैस का घनत्व बढ़ेगा और दाब घटाने पर गैस का घनत्व घटेगा ।
- चार्ल्स ( Charles ) का नियम
- इस नियम का प्रतिपादन जैक्स चार्ल्स ने 1787 ई० में किया था।
- इस नियम के अनुसार:- स्थिर दाब पर गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन उसके परम ताप के सीधा समानुपाती होता है, अर्थात् दाब स्थिर है तो ताप बढ़ाने पर गैस का आयतन बढ़ेगा तथा ताप घटाने पर गैस का आयतन घटेगा ।
- चार्ल्स के अनुसार - 273°C ताप पर गैस का आयतन घटकर शून्य हो जाता है यानि गैस का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है । परन्तु इस ताप को प्राप्त करने में कोई सफलता नहीं मिली है। इस काल्पनिक ताप को परमशून्य ताप कहते हैं।
- वॉयल तथा चार्ल्स के नियम को आपस में मिलाने पर-
- गे - लुसेक (Gay Lussca) का नियम
- इस नियम का प्रतिपादन 1802 ई० में गे-लुसैक ने किया था।
- इस नियम के अनुसार स्थिर आयतन पर, किसी गैस के एक निश्चित मात्रा का दाव परम ताप के सीधा समानुपाती होता है।
- ऐवोगाद्रो (Avogardro) नियम
- इस नियम के अनुसार यदि गैस के ताप और दाब स्थिर रखकर उस गैस की मात्रा बढ़ी जाए तो गैस का आयतन भी बढ़ जाता है। यदि गैस की मात्रा को मोल में व्यक्त किया जाए तो
- बॉयल, चार्ल्स, ऐवोगाड्रो के नियम को मिलाकर आदर्श गैस के समीकरण प्राप्त किये जाते हैं।
- PV = nRT को आदर्श गैस समीकरण या अवस्था समीकरण कहते हैं । constnat R का मान भिन्न-भिन्न स्थिति भिन्न होता है ।
- जब गैस का दाब Pascal में और आयतन m3 में हो तबR = 8.31 Jk-1 mol-1
- जब गैस का दाब वायुमंडल ( atm) में और आयतन लीटर में हो तबR = 0.0821 / atm mol-1 k-1
- जब गैस का दाब वायुमंडल ( atm) में और दाब cm3 हो तबR = 82.05 atm – cm3 mol-1 k-1
- जब गैस का दाब Pascal में और आयतन m3 में हो तब
- आदर्श गैस सभी ताप तथा दाब पर गैस के सभी नियम का पालन करता है जबकि वास्तविक गैस सिर्फ निम्न दाब तथा उच्च ताप पर ही गैस के नियम का पालन करते हैं।
- आदर्श गैस के अणुओं का वास्तविक आयतन गैस के आयतन के तुलना में नगण्य होता है जबकि वास्तविक गैस के अणुओं का आयतन गैस के आयतन के तुलना में नगण्य नहीं होता है ।
- आदर्श गैस के अणुओं के मध्य आकर्षण नहीं होता है जबकि वास्तविक गैस के अणुओं के मध्य आकर्षण होता है।
- आदर्श गैस PV = nRT का पालन करता है जबकि वास्तविक गैस नहीं करता है ।
- आदर्श गैस काल्पनिक गैस है जबकि सभी ज्ञात गैस वास्तविक गैस है।
- आदर्श गैस समीकरण Pv = nRT को वास्तविक गैस के लिए उपयोगी बनाने हेतु समीकरण के दो पद आयतन तथा दाब में संसोधन कर नय नियम दिया जो वास्तविक गैस के लिए मान्य है ।
- यहाँ a तथा b वान डर वाल्स constant है जो सभी गैस के किये अलग-अलग होता है ।
- इस नियम को नियम प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है- "परस्पर अभिक्रिया न करनेवाली दो या दो से अधिक गैस एक बंद बर्त्तन में मिश्रित कर दिया जाए तो गैसीय मिश्रण का कुल दाब अवयवी गैसों के आंशिक दाबों के योगफल के बराबर होते हैं।'
- अगर A, B, C गैस का दाब PA, PB तथा PC हो और तीनों गैस का ताप समान हो और तीनों गैस एक बर्तन में डाल दिया जाए तब बर्त्तन की दिवार पर आरोपित कुल दाब P = PA + PB + PC होगा।
- ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब घटता है जिसके कारण वायुमंडल में अवस्थित सभ्ज्ञी गेस का दाब घट जाता है, यानि ऑक्सीजन का भी दाब घट जाता है और सांस लेने में कठिनाई होती है ।
गैस के नियम
आदर्श गैस के समीकरण
सामान्य ताप तथा दाब (NTP)
0°C या 273k को सामान्य ताप कहते हैं और जब बैरोमीटर से पारा की ऊँचाई 76 cm (760mm) हो तो उसे सामान्य दाब कहते हैं। इसे 1 वायुमंडलीय दाब भी कहा जाता है।
आदर्श गैस और वास्तविक गैस में अंतर
वान् - डरवाल्स समीकरण
डाल्टन का आंशिक दाब नियम-
Graham's Law of Difusion
- किसी (Diffusion)– घनत्व में अंतर होते हुए भी गैस का परस्पर मिल कर एक हो जाने के गुण को विसरण कहते हैं।
- गैसों के विसरण के संबंध में टॉमस ग्राहम ने एक नियम निकाला जो निम्न है-“ताप और दाब की समान अवस्थाओं में गैस का विसरण के वेग उनके घनत्वों के वर्गमूल के व्युतक्रमानुपाती होता है।"
- अगर दो गैस A तथा B का विसरण का वेग rA तथा rB हो और इन गैसों का घनत्व क्रमशः DA तथा DB हो तो ग्राहम नियम के अनुसार-
- गैस के घनत्व (वाष्प घनत्व) को आण्वीक द्रव्यमान में बदलने पर -
- ग्राहम के विसरण निम्न को निम्न प्रकार भी कहा जा सकता है- ताप और दाब की समान अवस्थाओं में गैसों के विसरण का वेग उनके आण्वीक द्रव्यमान के वर्गमूल के व्युतक्रमानुपाती होते हैं ।
- स्थिर ताप पर गैस का दाब बढ़ाने पर गैसों का विसरण वेग बढ़ जाता है।
- निःसरण (Effusion ) - बर्तन में बंद गैस का बर्तन के सूक्ष्म छिद्र से बाहर निकलना गैस का निःसरण कहलाता है।
ग्राम के विसरण नियम का उपयोगः-
- इस नियम का उयोग कर तत्वों के समस्थानिको को अलग - अलग किया जाता है ।
- अज्ञात गैस का विसरेग वेग ज्ञात कर गैसों की पहचान की जाती है ।
- विभिन्न घनत्वों की गैस को एक-दूसरे से अलग किया जाता है ।
- आवर्त सारणी में कुल 11 तत्व ऐसे है जो गैसीय अवस्था में रहते हैं-
- H (हाइड्रोजन)
- O (ऑक्सीजन)
- F (फ्लोरीन)
- Cl (क्लोरीन)
तथा 6 अक्रिय गैस-
- He (हीलियम)
- Ne (निऑन)
- Ar (ऑर्गन)
- Kr (क्रिप्टॉन)
- Xe (जेनॉन)
- Rn (रेडॉन)
