भारत का खनिज संसाधन एवं उर्जा संसाधन

भारत का खनिज संसाधन एवं उर्जा संसाधन


General Competition | Geography | भारत का खनिज संसाधन एवं उर्जा संसाधन

  • मानवों के लिए ऊर्जा का सबसे प्रमुख स्रोत सौर ऊर्जा है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर मानव सौर ऊर्जा का ही प्रयोग करता है।
  • परम्परागत ऊर्जा स्रोत : वैसी ऊर्जा स्रोत जिसका उपयोग मानव प्राचीन काल से परम्परागत ढंग से करता हुआ आ रहा है उसे परम्परागत ऊर्जा स्रोत कहते हैं। जैसे- लकड़ी, कोयला, पेट्रोलियम, गोबर, इत्यादि ।
  • गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत : नये नवाचारों से खोजे गए ऊर्जा स्रोत का प्रयोग जो मानव के द्वारा किया जाता है उसे गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत कहते हैं। जैसे-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा इत्यादि ।
  • सतत उपलब्धता के आधार पर ऊर्जा स्रोत दो प्रकार के होते हैं- 1. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, 2. अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत ।
    1. नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत : वैसी ऊर्जा स्रोत जिसका उपयोग दुबारा किया जा सकता है नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहलाता है। जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा इत्यादि ।
    2. अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत : वैसी ऊर्जा स्रोत जिसका प्रयोग दुबारा नहीं किया जा सकता है, अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहलाता है। जैसे - कोयला, लकड़ी, पेट्रोलियम इत्यादि ।
  • पवन ऊर्जा : पवन चक्कियों का प्रयोग कर पवन ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। विश्व में पवन ऊर्जा उत्पादन में भारत का चौथा स्थान है वही प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर क्रमशः चीन, अमेरिका और जर्मनी है ।
  • भारत में पवन ऊर्जा का सबसे ज्यादा उत्पादन तमिलनाडु राज्य करता है।
  • राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान चेन्नई में स्थित है।
  • भारत का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा केन्द्र तमिलनाडु के कन्या कुमारी में स्थित मप्पंडल पवन ऊर्जा केन्द्र हैं।
  • ज्वारीय ऊर्जा : समुद्रतटीय क्षेत्र में ज्वार और भाटा की उत्पत्ति होती है। ज्वारीय जल से विद्युत का उत्पादन किया जाता है। ज्वारीय ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा है। इससे से प्रदूषण नगण्य होता है। भारत में विशेषकर ज्वारीय ऊर्जा का उत्पादन गुजरात राज्य के कच्छ की खाड़ी और खंभात की खाड़ी वाले इलाकों में होता है। 
  • जल विद्युत ऊर्जा : बहते हुए जल को बाँध बनाकर रोका जाता है और टरबाइन का नामक यंत्र का प्रयोग कर उस जल से विद्युत का उत्पादन किया जाता है जिसे जल विद्युत ऊर्जा कहते हैं। भारत में सबसे ज्यादा जल विद्युत ऊर्जा का उत्पादन कर्नाटक राज्य करता है।
  • भारत में प्रथम जल विद्युत संयंत्र 1897 ई० में दार्जिलिंग में स्थापित किया गया, उसके बाद 1902 ई० में कावेरी नदी पर शिवसमुद्रम में स्थापित किया गया ।
  • भारत विद्युत ऊर्जा केन्द्रों का परिचालन NHPC (National Hydro Electric Power Corporation) नामक संस्था के द्वारा किया जाता है। इसकी स्थापना 1975 ई० में हुई है।
  • प्रमुख NHPC केन्द्र :
NHPC केन्द्रराज्य
सलाल और ऊरीजम्मू-कश्मीर
चमेरा और बाउरा सियलहिमाचल प्रदेश
टनकपुरउत्तराखंड
रंगीतसिक्किम
लोकटकमणिपुर
झझरहरियाणा
दुलहरती और सेवाजम्मू-कश्मीर
धौलीगंगाउत्तराखण्ड
पार्वतीहिमाचल प्रदेश
ओंकारेश्वरमध्य प्रदेश
तीस्ताप. बंगाल और सिक्किम
  • सौर ऊर्जा : सूर्य से प्राप्त होने वाली विकिरण ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। यह एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। इस ऊर्जा से नगण्य प्रदूषण होता है। बारिश के समय इसका उपयोग कर पाना संभव नहीं रह जाता है।
  • विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क भडला सोलर पार्क है जो राजस्थान के जोधपुर में स्थित है वही विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सोलर पार्क शक्ति स्थल है जो कर्नाटक में स्थित है।
  • सौर ऊर्जा का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला राज्य कनाटक है।
  • उत्तर प्रदेश के झाँसी का रामपुरा गाँव सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित करने वाला भारत का पहला गाँव है।
  • सौर तालाब परियोजना गुजरात के भुज में स्थापित किया गया है।
  • भारत और फ्रांस के सहयोग से हरियाणा के ग्वाल पहाड़ी में सौर ऊर्जा अनुसंधान संस्थान स्थापित किया गया।
  • सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा का उत्पादन चीन करता है वही भारत का स्थान पाँचवाँ है।
  • जैव ऊर्जा या बायोगैस ऊर्जा : कृषि उत्पाद जैसे धान की भुस्सी, गन्ने की खोई और प्राकृतिक वनस्पति जैसे-जेट्रोफा एवं शहरों के अवशिष्ट पदार्थ से प्राप्त ऊर्जा को जैव ऊर्जा कहते हैं।
  • जेट्रोफा की सहायता से बायोडीजल का निर्माण किया जाता है।
  • भारत का प्रथम बायोडीजल संयंत्र आंध्र प्रदेश के काकीनाड में स्थापित किया गया है।
  • भारत में सबसे ज्यादा जैव ऊर्जा का उत्पादन महाराष्ट्र राज्य करता है।
  • भू-तापीय ऊर्जा केन्द्र:
भू-तापीय ऊर्जा केन्द्रराज्य
पुगा घाटीलद्दाख
मणिकरण और ज्वालामुखीहिमाचल प्रदेश
तपोवनउत्तराखण्ड
सूरजकुंडझारखंड
तातापानीछत्तीसगढ़
तप्तपानीमध्यप्रदेश
पश्चिमी घाटमहाराष्ट्र और गुजरात
  • नर्मदा नदी सोन नदी, दामोदर नदी घाटी क्षेत्र में भी भूतापीय ऊर्जा का उत्पादन होता है।
  • भविष्य का ईंधन हाइड्रोजन को कहा जाता है।
  • परमाणु ऊर्जा : परमाणु खनिज जैसे यूरेनियम, बोरेलियम, लिथियम, थोरियम इत्यादि से प्राप्त ऊर्जा को परमाणु ऊर्जा कहते हैं। भारत में परमाणु ऊर्जा का जनक डॉ० होमी जहाँगीर भाभा को माना जाता है। उन्हीं के दिशा-निर्देशन में 1948 ई॰ में परमाणु ऊर्जा विभाग का निर्माण हुआ।
  • भारत का प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्र : भारत का प्रथम नाभिकीय ऊर्जा केन्द्र महाराष्ट्र में स्थापित तारापुर नाभिकीय ऊर्जा केन्द्र है जिसका गठन अमेरिका की सहायता से किया गया है।
नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रराज्य
कुडनकुलम और कलपक्कमतमिलनाडु
कैगाकर्नाटक
जैतापुर और तारापुरमहाराष्ट्र
काकरापाडागुजरात
रावतभाटाराजस्थान
नरौराउत्तर प्रदेश
  • पेट्रोलियम पदार्थ और प्राकृतिक गैस : भारत में टरसरी युग के अवसादी चट्टानों में प्राकृतिक गैस और खनिज तेल पाया जाता है। अवसादी चट्टानों के ऊपरी भाग में प्राकृतिक गैस, मध्य भाग में खनिज तेल तथा निचले भाग में जल पाया जाता है। खनिज तेल में 90-90% हाइड्रोकार्बन पाये जाते हैं। हाइड्रोकार्बन के 70% भाग में तेल और 30% भाग से प्राकृतिक गैस निकाला जाता है। भारत में खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैसों का अन्वेषण (निकालना) ONGC और OIL नामक संस्था के द्वारा किया जाता है। ONGC का गठन 1956 में हुआ है जबकि OIL का गठन 1959 में।
  • भारत में प्रथम तेल परिशोधनशाला का गठन 1901 में असम के डिगबोई में हुआ था।
  • स्वतंत्र भारत का प्रथम तेल परिशोधनशाला 1954 में मुंबई में स्थापित किया गया।
  • भारत में प्रथम तेल कुआँ 1867 में असम के माकुम क्षेत्र में खोजा गया लेकिन सर्वप्रथम तेल कुआँ की खुदाई 1889 ई॰ में असम के डिगबोई के क्षेत्र में हुआ।
भारत के प्रमुख तेल क्षेत्र :
असम :- डिगबोई, सुरमाघाटी, नहारकाटिया
अरूणाचल प्रदेश :- खारसंग, निग्रू क्षेत्र
नागालैंड :- बोरहोल्ला क्षेत्र
गुजरात :- अंकलेश्वर, खंभात, कलोल, मेहसाना, कोशाम्बा, सानंद, आलियाबेट, जुनेज
महाराष्ट्र :- मुंबई हाई तट, बेसिन, पन्नामुक्ता क्षेत्र
राजस्थान :- बीकानेर, जैसलमेर, बारमेर
उपर्युक्त तेल क्षेत्र के अलावा भारत के ब्रह्मपुत्र नदी घाटी, कृष्णा नदी घाटी, गोदावरी नदी घाटी, कावेरी नदी घाटी बेसिन से भी खनिज तेल का उत्पादन किया जाता है।
  • भारत में प्राकृतिक गैस का सर्वाधिक भंडारण, पूर्वी अपतट तथा सर्वाधिक उत्पादन असम राज्य के द्वारा किया जाता है।
  • भारत में सर्वाधिक पेट्रोलियम का भंडारण असम राज्य में तथा सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान राज्य के द्वारा किया जाता है।

भारत के प्रमुख तेल परिशोधनशाला :

  • भारत में पेट्रोलियम पदार्थ का उत्पादन होता है लेकिन भारत की जितनी आवश्यकता है उतना उत्पादन नहीं होता है इसलिए भारत पेट्रोलियम पदार्थ को लेकर आयात पर निर्भर करता है।
  • भारत में विद्युत उत्पादन के लिए NTPC (National Thermal Power Corporation) को जाना जाता है। इसका गठन 1975 में हुआ है! 
  • कोयला (Coal) : इससे ऊष्मा एवं प्रकाश की प्राप्ति होती है। NTPC में कोयला का उपयोग कर विद्युत ऊर्जा का उत्पादन किया जाता कोयला को काला सोना, उद्योग की रोटी, उद्योगों की जननी कहा जाता है।
  • कोयला मुख्यत: चार प्रकार का होता है। जिस कोयता में कार्बन की मात्र अधिक होती है उत्तम कोटि का माना जाता है। 
    1. पिट कोयला : यह प्राथमिक कोयता माना जाता है। इसमें नमी की मात्रा अधिक होती है। इसमें कार्बन  40% से भी कम पाया जाता है।
    2. लिग्नाइट कोयला : इस कोयता में कार्बन की मात्रा 400-500 है। इसे पूरा कोणता भी कहा जाता है। यह कोयला मुख्यतः तमिलनाडु के नेवली क्षेत्र, राजस्थान का परचम, कील और गुजरात में पाया जाता है।
    3. विटुमिनस कोयता: भारत में सबसे अधिक विद्युमन कीमला पाया जाता है। इस कोयला में SAV-MAY कार्यन होता है। यह कोयला गोडवाना क्रम के चट्टान में पाया जाता है।
    4. एन्थ्रासाइट कोयला : यह सबसे उत्तम कोटि का कोयला कीता है। उप AY 95% कार्बन पाया जाता है। वह कोयला मुख्यत: जम्मू कश्मीर के रियासी क्षेत्र में मुख्यत: पाया जाता है।
  • भारत में निम्न नही आरियों में कोयला पाया जाता है-
    1. दामोदर नदी घाटी
    2. महानदी घाटी
    3. गोदावरी नहीं भाटी
    4. सोन नदी घाटी
  • सबसे अधिक कोयला दामोदर नदी घाटी में पाया जाता है।
  • झारखंड का झरिया सबसे अधिक कोयला खनन के लिए प्रसिद्ध है।
  • कोयला भंडारण के दृष्टिकोण से तीन बड़े राज्य क्रमश: निम्न है - 1. झारखंड, 2, ओडिशा, 3. छत्तीसगढ़।
  • कोयला उत्पादन के दृष्टिकोण से तीन बड़े राज्य क्रमश: निम्न है- 1. छत्तीसगढ़, 2. ओडिशा, 3. झारखंड।
कोयला पर आधारित NTPC केन्द्र :
NTPC केन्द्रराज्य
बाढ़बिहार (पटना)
कहलगाँवभागलपुर (बिहार)
बदरपुरदिल्ली
फरक्कापश्चिम बंगाल
कोरबाछतीसगढ़
रामागुंडमतेलंगाना
रिहंदउत्तर प्रदेश
दादरी और टांडाउता प्रदेश
सिमहाद्रिआंध्र प्रदेश
खड़गाँवमध्य प्रदेश
बोगाई गाँवअसम
तलचरओडिशा
दलीपार्लीओडिशा
सिपतछत्तीसगढ़
मौदामहाराष्ट्र
बरौनीबिहार
  • खनिज संसाधन : प्रकृति में पाये जाने वाले वैसे पदार्थ जिसमें अपना रासायनिक और भौतिक गुण मौजूद हो तथा जिसे उत्खनन प्रक्रिया द्वारा निकाला जाता हो खनिज कहलाता है। खनिज को मुख्यतः दो भागों में बाँटा गया है- 1. धात्विक खनिज 2. अधात्विक खनिज
  • धात्विक खनिज : धात्विक खनिज ऊष्णा और विद्युत का सुचालक होता है। इसके प्रमुख उदाहरण निम्न हैं जैसे- लौह अयस्क, मैंगनीज, ताँबा, टंगस्टन इत्यादि । 
  • अधात्विक खनिज : अधात्विक खनिज विद्युत और ऊष्मा का कुचालक होता है। इसके प्रमुख उदाहरण निम्न है, जैसे-चूना पत्थर, संगमरमर इत्यादि ।
  • Note : भारत में सबसे अधिक खनिज संसाधन प्रायद्वीपीय पठार में पायी जाती है।
  • भारत में पाये जाने वाले खनिज संसाधनों को चार पेटी में बाँटा गया है-
    1. उत्तरी-पूर्वी पेटी
    2. उत्तरी-पश्चिमी पेटी या अरावली पेटी
    3. मध्यवर्ती पेटी
    4. दक्षिणी-पश्चिमी पेटी
  • Note : 1. भारत में सबसे अधिक खनिज संसाधन उत्तरी-पूर्वी पेटी में पाया जाता है।
    2. छोटानागपुर के पठार को भारत का रुर प्रदेश कहा जाता है। क्योंकि यह क्षेत्र खनिज संसाधन से समृद्ध है।
    3. धारवाड़ क्रम का चट्टान धात्विक खनिज के लिए प्रसिद्ध है। 
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